Priyanka06

Add To collaction

लेखनी कहानी -17-Apr-2023 चले गए मुझे छोड़ कर

शीर्षक-चले गए तुम मुझे छोड़ कर

चले तुम हमें छोड़कर,
बैठी थी आस लगाकर,
ना आए तुम मिलने।

रह गई वो अधूरी मुलाकाते,
प्यासी रह गई वो रातें,
ताकती रह गई निगाहें।

बीत गए हैं अरसो,
लगा जैसे छोड़ गए परसों,
कैसे समझाएं दिल को।

भारत के थे तुम संतान,
फर्ज निभा कर दिया बलिदान,
बढ़ाया तुमने देश का सम्मान।

पर मैं स्वयं को कैसे मनाऊं,
सपनों को मन में संजोती,
रह गई मुलाकाते अधूरी।

बहते सतत नीर,
कैसे सहू यह पीर,
नहीं बंधता अब धीर।

तेरी याद हर पल सताती,
तेरी तोहफे मुझे रुलाती,
तेरी याद के ताने बुनती।

तुम बने देश के सिपाही,
मुझसे की तुमने रुसवाई,
मेरे दिल की तड़पन बढ़ाई।

जब आई तेरी लाश,
देख हो गई हावाश,
अधूरी मुलाकातों का हुआ आवाम।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा




   18
6 Comments

shahil khan

18-Apr-2023 11:56 PM

nice

Reply

Alka jain

18-Apr-2023 12:33 PM

Nice

Reply

Reena yadav

18-Apr-2023 07:22 AM

👍👍

Reply